Matric Sent Up Exam Godhuli Hindi Question Paper 2024

Matric Sent Up Exam Godhuli Hindi Question Paper 2024- इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित मैट्रिक सेंट अप परीक्षा 2023-24 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2024 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर Sent Up Exam 2023-24 का आयोजन 23 नवम्बर से 27 नवम्बर तक हो रहा है । आपके सेंट अप परीक्षा के गोधुली-हिन्दी विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड मैट्रिक सेंट अप परीक्षा 2023 -24 के गोधुली-हिन्दी विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।

👉Bihar Board Class 10th Sent Up Exam Godhuli Hindi Question Paper

With Answer

इस पोस्ट के माध्यम से Matric Sent Up परीक्षा के Godhuli Hindi विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है ।

BSEB Class 10th Sent Up Exam Godhuli-Hindi Objective Answer Key –

Q.N.ANS.Q.N.ANS.Q.N.ANS.Q.N.ANS.Q.N.ANS.
1.B21.B41.A61.A81.C
2.C22.C42.A62.B82.D
3.D23.D43.C63.C83.A
4.B24.A44.D64.C84.B
5.B25.D45.A65.A85.A
6.C26.A46.B66.B86.C
7.D27.B47.C67.C87.D
8.A28.C48.B 68.D88.A
9.C29.D49.A69.A89.B
10.C30.A50.B70.D90.C
11.D31.C51.B71.C91.D
12.A32.C52.D72.D92.A
13.A33.D53.A73.A93.B
14.C34.A54.B74.B94.C
15.D35.B55.C75.C95.D
16.A36.B56.D76.D96.B
17.B37.C57.A77.A97.A
18.C38.B58.B78.A98.C
19.D39.A59.C79.B99.D
20.A40.D60.D80.B100.A

10th Sent Up Exam Godhuli Hindi Subjective Question Download Link –

                                                               खण्ड – ब

                                                            विषयनिष्ठ प्रश्न

1. निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें । प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा ।                                                                                                                                                     5 × 2 = 10

(क) आत्मनिर्भरता प्रगति की आधारशिला है और आत्मबिश्वास का मूल है । जो व्यक्ति समाज में अपने सारे कार्य स्वयं करता है और जरूरत पड़ने पर दूसरों की सहायता करता है, वह उन्नति की दौड़ में सबसे आगे रहता है। अपने दैनिक जीवन के सारे कार्य स्वयं करना मनुष्य के लिए अत्यावश्यक है। अपने कार्य के लिए दूसरे पर निर्भर रहने वाला व्यक्ति पिछड़ जाता है, बह उन्नति नहीं कर सकता । सौंपे गए कार्य को पुनीत दायित्व समझकर करना चाहिए, इससे व्यक्ति स्वावलंबी बनता है। स्वावलंबी व्यक्ति सामाजिक और मानसिक रूप से स्वस्थ एवं शक्तिशाली होता है। उसे धन-दौलत की कमी नहीं रहती है। वह अपनी भुजाओं से सारी सुख-सुविधाओं को जुटाने में सक्षम होता है । परिणामतः आत्मनिर्भर व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति के शिखर पर पहुँच जाता है ।

(i) व्यक्ति की प्रगति की आधारशिला क्या है ?

(ii) उन्नति की दौड़ में सबसे आगे कौन रहता है ?

(iii) कौन व्यक्ति पिछड़ जाता है ?

(iv) सामाजिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ कौन होता है ?

(v) उन्नति के शिखर पर कौन पहुँच जाता है ?

(ख) कोई भी शासक अपना प्रभुत्व जमाने के लिए जनता में एकता नहीं चाहता । इसलिए अंग्रेजों ने भारत में राज करने के लिए सर्वप्रथम यहाँ की एकता खंडित की । सनातन मूल्यों, आदशों और प्रतिमानों को नष्ट कर दिया। भारत की वैज्ञानिक संस्कृति के प्रति सुनियोजित तरीके से अनास्था के भाव उत्पन्न किए । भोली-भाली जनता को बहकाया गया। उन्होंने ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपनाई । अपनी इन्हीं कुटिल नीति के कारण अंग्रेज लगभग दो सौ बर्षों तक भारत पर शासन करते रहे। साथ ही, भारत में धर्म एवं जातियों के बीच दंगे भड़काते रहे । अंततः भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् भी वे इसकी अखण्डता को समाप्त करके ही गए । भारत का विभाजन अंग्रेजों की कुटिल नीतियों का ही एक हिस्सा है । अंग्रेजों ने आजादी के पूर्व जो आग लगायी थी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसमें हम आज भी झुलस रहे हैं। इसलिए अब हमें जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए ।

(i) एकता कौन नहीं चाहता ?

(ii) अंग्रेजों ने भारत की एकता खंडित क्यों की ?

(iii) अंग्रेजों ने भारत पर कितने वर्षों तक शासन किया ?

(iv) अंग्रेजों ने भारत में कौन नीति अपनाई ?

(v) अब हमें किस प्रकार रहना चाहिए ?

2. निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को पढ़ कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें । प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा ।                                                                                                                                                5 × 2 = 10

(क) बुनियादी शिक्षा को हमलोग बेसिक शिक्षा भी कहते हैं। बुनियादी शिक्षा का तात्पर्य शिक्षा की उस प्रणाली से है, जिसमें विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्पों का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए बालकों का शारीरिक, मानसिक, नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास करना है। शिक्षा के द्वारा हमें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता है। महात्मा गाँधी ने आज से कई वर्ष पूर्व बुनियादी शिक्षा का आंदोलन शुरू किया था। उसमें उन्होंने राष्ट्र के लिए कई प्रकार की प्रारंभिक शिक्षा का प्रस्ताव रखा था, जिसका केन्द्र शारीरिक श्रम और उत्पादन कार्य था और जिसका सामुदायिक जीवन से घनिष्ठ संबंध था। भारतीय शिक्षा के इतिहास में बुनियादी शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान था। वह शिक्षा के प्रति एक क्रांति थी, जो भारत में कई सालों के अंग्रेजी शासन में परम्परागत प्रणाली पर बनी थी । बुनियादी शिक्षा से राष्ट्रीय चेतना जागृत हुई। बुनियादी शिक्षा पद्धति में तीन बातें इस प्रकार हैं – (क) शिक्षा में उत्पादक कार्यकलाप, अर्थात् कोई ऐसा विषय सिखाया जाए, जिससे छात्र कुछ कमाई करने योग्य बन सकें । (ख) पाठ्यचर्या का उत्पादक कार्यकलापों और भौतिक तथा सामाजिक पर्यावरण से सह-संबंध ।

(ग) स्कूल तथा स्थानीय जनसमुदाय से घनिष्ठ संबंध ।

(i) बुनियादी शिक्षा को हमलोग और किस नाम से जानते हैं ?

(ii) बुनियादी शिक्षा का तात्पर्य क्या है ?

(iii) बुनियादी शिक्षा का आंदोलन किसने शुरू किया था ?

(iv) बुनियादी शिक्षा से क्या जागृत हुई ?

(v) बुनियादी शिक्षा-पद्धति की तीन बातें कौन-कौन हैं ?

3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 250 – 300 शब्दों में निबंध लिखें:                                                                                                                                               1 × 10 = 10

(क) समय का महत्त्व

            (i) भूमिका

            (ii) समय के सदुपयोग से लाभ

            (iii) समय के दुरुपयोग से हानि

            (iv) निष्कर्ष

(ख) छात्र और अनुशासन

            (i) भूमिका

            (ii) अनुशासन का महत्त्व

            (iii) अनुशासनहीनता से हानि

            (iv) निष्कर्ष

(ग) गणतंत्र दिवस

            (i) भूमिका

            (ii) गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

            (iii) गणतंत्र दिवस का महत्त्व

            (iv) निष्कर्ष

गणतंत्र दिवस :-

15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन से आजादी तो मिल गई, लेकिन हमारे देश में अभी भी एक ठोस संविधान का अभाव था। इसके अलावा, भारत के पास कोई विशेषज्ञ और राजनीतिक शक्तियाँ भी नहीं थीं जो राज्य के मामलों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करतीं। तब तक, 1935 के भारत सरकार अधिनियम को मूल रूप से शासन करने के लिए संशोधित किया गया था, हालांकि, वह अधिनियम औपनिवेशिक शासन की ओर अधिक झुका हुआ था। इसलिए, एक विशेष संविधान बनाने की सख्त जरूरत थी जो भारत के सभी विचारों को प्रतिबिंबित करे।

इस प्रकार, डॉ. बीआर अंबेडकर ने 28 अगस्त, 1947 को एक संवैधानिक मसौदा समिति का नेतृत्व किया। मसौदा तैयार करने के बाद, इसे 4 नवंबर, 1947 को उसी समिति द्वारा संविधान सभा में प्रस्तुत किया गया। यह पूरी प्रक्रिया बहुत विस्तृत थी और इसमें 166 दिन लग गए। पूरा। इसके अलावा, समिति द्वारा आयोजित सत्र जनता के लिए खुले रखे गए थे।

            (i) भूमिका – गण मतलब जनता और तंत्र मतलब शासन या प्रणाली। इसका शाब्दिक अर्थ हुआ, जनता द्वारा चलाये जाने वाला शासन या प्रणाली। हमारे देश में 26 जनवरी 1950 से गणतंत्र देश घोषित हुआ। इसके होते ही हमारा देश लोकतंत्रात्मक सम्प्रभुता-सम्पन्न, धर्म-निरपेक्ष, सामाजिक और न्यायवादी देश बन गया। यह सभी विशेषताएं संविधान की उद्देशिका में साफ लिखी गईं है। इन सभी का गूढ़ अर्थ है। सम्प्रभु मतलब हमारा देश अपने किसी भी फैसले को लेने के लिए पूर्णतया स्वतंत्र है। किसी को भी उसमें हस्तक्षेप की अनुमति नहीं। धर्म-निरपेक्ष अर्थात सभी धर्मो की मान्यता एवं सम्मान है। हमारे देश की विविधता ही हमारा अलंकार है। जो हमें औरों से भिन्न करता है।

            (ii) गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि- आजादी के साथ ही देश के लिए एक संविधान की जरूरत भी महसूस हुई। ऐसे में इसे बनाने के लिए एक संविधान सभा का गठन हुआ था। इस सभा ने 9 दिसंबर, 1946 से संविधान बनाने का काम शुरू किया। भारत की इस संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। जबकि संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। डॉ. अंबेडकर ने भारत के संविधान को बनाने में एक अहम भूमिका निभाई थी, जिसकी वजह से उन्हें संविधान निर्माता भी कहा जाता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसे बनाने में पूरे 2 साल, 11 माह, 18 दिन लगे थे। इसके बाद 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को देश का संविधान सौंपा था। यही वजह है कि हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

            (iii) गणतंत्र दिवस का महत्त्व- गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है जो 26 जनवरी को मनाया जाता है। सन 1950 में 26 जनवरी को ही भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह भारत के संविधान ने लिया था। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया था, क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन के दौरान अर्धरात्रि में पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। गणतंत्र दिवस के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। देश में गणतंत्र दिवस के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के दिन भी नेशनल हॉलीडे होता है।लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार यह “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है”। सच कहा जाए तो आज के टाइम में लोकतांत्रिक कहलाना एक फैशन हो गया है। होड़ सी मची हुई है।हमें आजादी बहुत ही मुश्किलों के बाद मिली है। इसके माध्यम से हम अपनी आने वाली पीढ़ी को  अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में बता सकते है। साथ ही हमें देश के सपूतों को देखकर उनसे प्रेरणा मिलती है और देश के लिए कुछ भी कर गुजरने का जज्बा पैदा होता है।

            (iv) निष्कर्ष- भारत में गणतंत्र दिवस बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है और हमें स्वतंत्रता की लंबी यात्रा और देश को एक संप्रभु राष्ट्र में बदलने के लिए अपने पूर्वजों के संघर्ष को याद रखना चाहिए। यह सभी भारतीयों के लिए स्वतंत्रता के सार का जश्न मनाने और भारत को अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने में मदद करने का दिन है। गणतंत्र दिवस के उत्सव में नागरिकों को अपनी देशभक्ति और गौरव प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। छात्र अच्छे नागरिक के रूप में जीने और अपने देश को अधिक खुशहाल और शांतिपूर्ण बनाने में मदद करने की प्रतिज्ञा करते हैं।

(घ) स्वावलम्बन

            (i) प्रारम्भ

            (ii) महत्ता

            (iii) उपसंहार

(ङ) सूखा (अकाल )

            (i) आरम्भ

            (ii) सूखे का कारण

            (iii) दुःस्थिति

            (iv) उपसंहार

4. अपने प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखें, जिसमें विद्यालय पुस्तकालय हेतु भीमराव अंबेदकर लिखित पुस्तक मँगवाने का निबेदन किया गया हो ।                                                                                             1 × 5 = 5

प्रधानाचार्य,

                                    मॉडर्न पब्लिक स्कूल

                                    करोल बाग, नई दिल्ली

विषय: ‘पुस्तकालय में हिंदी की पत्र पत्रिका व उच्च कोटि का साहित्य मंगवाने वावत्’

महोदय,

            सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी पत्रिकाओं का अभाव है| अंग्रेजी की तो बहुत सी पत्रिकाएं आती है जबकि हिंदी की बहुत कम पत्रिका आती है। पुस्तकालय में इस विषय में पूछने पर उन्होंने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया है| हम सभी छात्र अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी पत्रिकाओं को भी पढ़ना चाहते हैं|

अतः आपसे नम्र निवेदन है कि पुस्तकालय में हिन्दी पत्रिकाओं व उच्चकोटि का साहित्य उपलब्ध कराने की समुचित व्यवस्था करने की कृपा करें| आशा है कि आप हमारी प्रार्थना पर शीघ्र ध्यान देंगे।

धन्यवाद,                                                                                                            आपका आज्ञाकारी शिष्य

दिनाँक……………

                                                                        अथवा

    मद्य-निषेध के परिणाम पर दो मित्रों के बीच के संवाद को लिखें ।

5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 – 30 शब्दों में दें:                             5 × 2 = 10

(i) ‘विष के दाँतशीर्षक पाठ में, सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन-पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेद-भाव को लिखें ।

उत्तर :- सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन-पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेद-भाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए। सेन साहब के परिवार में उनकी पाँच लड़की थी। सीमा, रजनी, आलो, शेफाली, आरती सबसे छोटा लड़का था काशू बाबू, प्यार से खोखा कहते थे। । सेन साहब के परिवार में पाँचों लड़कियों के ऊपर काफी अनुशासन था।

(ii) भारत की ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक मैक्स मूलर ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है ?

उत्तर :- लेखक युवा अंग्रेज अधिकारी जो भारतीय सिविल सेवा हेतु चयनित हुए थे उनके लिए भारत के ग्राम पंचायतों का महत्त्वपूर्ण अर्थ बतलाया है।

(iii) लेखक गुणाकर मुले ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है ?

उत्तर:- नागरी लिपि के लेखक गुणाकर मुले है . गुणाकर मुले का जन्म 1935 ई. नागरी लिपि के आरंभिक लेख हमें दक्षिण भारत से ही मिले हैं।

(iv) संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी ?

उत्तर :- बिरजू महाराज संगीत भारती में काम करते थे, उस समय उनको दो सौ पचास रुपये तनख्वाह मिलती थी। वह साईकिल से आना-जाना करते थे। दरियागंज के एक मकान में रहते हुए वह प्रतिदिन चार बजे उठकर रियाज करते थे। संगीत भारती में जब बिरजू महाराज गए तो वे वहाँ कठोर परिश्रम करने लगे।

(v) कवि रेनर मारिया रिल्के किसको कैसा सुख देते थे ? ‘मेरे बिना तुम प्रभुशीर्षक कविता के आधार पर लिखें ।

उत्तर :- प्रस्तुत कविता ‘मेरे बिना तुम प्रभु’ धर्मवीर भारती के द्वारा हिंदी भाषा में अनुवादित जर्मन कविता है। कवि का मानना है कि बिना भक्त के भगवान भी एकाकी और निरुपाय है। उनका अस्तित्व भक्त की पर निर्भर करती है। भक्त और भगवान एक-दूसरे पर निर्भर है।

(vi) ‘अक्षर-ज्ञानशीर्षक में का विवरण स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :- कविता में क बेटे के चौखट पर नहीं अँटता , क से कबूतर होता है जो बेटे के कबूतर पंक्ति से फुदक कर जरा सा आगे बढ़ जाता है । अतः उसे क अक्षर का ज्ञान कबूतर से ही मालूम होता है ।

(vii) कवि बीरेन डंगवाल किन अत्याचारियों का और क्यों जिक्र करता है ?

उत्तर :- कवि ने समाज के सम्पन्न वर्गों को अत्याचारियों के रूप में प्रस्तुत किया है जो गरीबों को अपनी हर चाल का मोहरा बनाते हैं। यहाँ पर कवि ने इनका जिक्र कर हमें यह बताने की कोशिश की है कि गरीब भी देवी की पूजा के लिए कुछ साधन जुटा ही लिये बावजूद इसके कि अत्याचारियों ने उन्हें कुछ भी नहीं दिया, बहुत तड़पाया और बहुत लूटा ।

(viii) कवि प्रेमघन को भारत में भारतीयता क्यों नहीं दिखाई पड़ती ?

उत्तर :- कवि को भारत में स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि यहाँ के लोग विदेशी रंग में रंगे हैं। खान-पान, बोल-चाल, हाट-बाजार अर्थात् सम्पूर्ण मानवीय क्रिया-कलाप में अंग्रेजियत ही अंग्रेजियत है। अत: कवि कहते हैं कि भारत में भारतीयता दिखाई नहीं पड़ती है।

(ix) रंगप्पा कौन था ?

उत्तर :- रंगप्पा, मंगम्मा के गांव का एक बड़ी शौकीन तबीयत का आदमी था। वह यदा-कदा जुआ भी खेल लेता था। रंगप्पा को जब यह ज्ञात हो गया कि मंगम्मा बेटे बहू से अलग रहती है तो वह उसके पीछे पड़ गया। उधार पैसे लेने और लौटाने की बात कहकर रास्ते में तंग करने लगा।

(x) सीता की स्थिति बच्चों के किस खेल से मिलती-जुलती थी ?

उत्तर :- बच्चों का खेल माई- माई रोटी दे। सीता अपने बेटे बहू से दो रोटी के बदले बहुत ताने सुनती है। उसे लगता है कि उसकी स्थिति बच्चों के खेल माई माई रोटी दे कि भिखारिन जैसी है जो “माई-माई रोटी दे” बोलती है और उसे अंदर से उत्तर मिलता है यह घर छोड़ दूसरे घर जा। सीता भी स्वयं को इसी भी इसी भिकरिं जैसा समझती है।

6. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखें ।

( शब्द सीमा लगभग 100 ) :                                                                                                                   1 x 5 = 5

(i) व्याख्या करें –                                                                                                                                                      “अगर बाल्टी भरी होती तो मछली उछलकर नीचे आ जाती ।”

उत्तर :- प्रस्तुत पंक्ति विनोद कुमार शुक्ल के ‘मछली’ शीर्ष की है । प्रस्तुत पंक्ति में बच्चों का मछली की रक्षा के लिए सजगता परिलक्षित होता है। बच्चे की हार्दिक इच्छा थी कि हम मछली को मरने नहीं देंगे बल्कि जीवित अवस्था में रहने के लिए कआँ में डाल देंगे । इसके लिए पिताजी से एक मछली माँगने का इंतजार कर रहे थे। जबतक पिताजी नहीं आ जाते तब तक कुआँ में डालना नहीं था। इसलिए उसे बाल्टी में रखना अनिवार्य था । उन्हें डर था कि बाल्टी भरी होगी तो मछलियाँ बाहर जमीन पर कूद जायेंगी। इसलिए भरी बाल्टी आधा कर के उसमें मछलियों को रखा गया ।

(ii) व्याख्या करें :

      “नानक लीन भयो गोबिंद सो, ज्यों पानी संग पानी ।”

उत्तर :- प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य-पुस्तक के महान संत कषि गुरुनानक के द्वारा रचित “जो नर दु:ख में दुःख नहिं मान” पाठ से उद्धत हैं। इसमें कवि ब्रह्म की सत्ता की महत्ता को बताते हैं। प्रस्तुत व्याख्येय पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं इस मानवीय जीवन में ब्रह्म को पाने की सच्ची युक्ति, यथार्थ उपाय करना आवश्यक है । परब्रह्म को पाना प्राणी का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। जिस प्रकार पानी के साथ पानी मिलकर एकसमान हो जाता है उसी प्रकार जीव जब ब्रह्म के सान्निध्य में जाता है तब ब्रह्ममय हो जाता है । जीवात्मा एवं परमात्मा में जब मिलन होता है तब जीवात्मा भी परमात्मा बन जाता है। दोनों का भेद मिट जाता है।

नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।

नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर मैट्रिक के सेंट अप परीक्षा का है ।

Science Question Paper

SENT UP EXAM CLASS 10TH 2023 -24
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सेंट अप एक्जाम में सम्मिलित नहीं होने पर क्या होगा ?

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने ऑफिशियल अपडेट जारी करते हुए जानकारी दिया है कि जितने भी छात्र छात्राएं इस परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे । वैसे छात्र छात्राओं का एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा । अर्थात की वे 2024 बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित रह जाएंगे !

Bihar Board Class 10th Question Bank 2011 | 2022 से 2023 तक पूछे गए सभी प्रश्न : अगर आप सभी बिहार बोर्ड से इस वर्ष यानी की 2024 में कक्षा दसवीं की अर्थात Bihar Board Exam 2024 देने वाले हैं। तो आपकी परीक्षा में अब बहुत ही कम समय बचा हुआ है। अब आपके बोर्ड परीक्षा में मात्र November,December और january ही बचा हुआ है । हम आप सभी को बता दें कि अब आप सभी को Board Exam में अच्छा अंक हासिल करने के लिए  काफी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। काफी सारे ऐसे छात्र छात्राएं हैं।  जिनकी तैयारी अभी अच्छी नहीं हो सकी है । और वे सभी सोच रहे है की किस प्रकार से तैयारी करें।

BSEB Question Bank 2011- 2022
All Subject Model Paper 2023

तो इसके लिए आप सभी टेंशन ना लें क्योंकि आज के इस पोस्ट में हमने आप सभी की तैयारी को मजबूत करने के लिए प्रत्येक दिन AA ONLINE SOLUTION Question Bank लेकर आए हुए हैं ।  जिसके माध्यम आपका तैयारी अच्छा हो जाएगा है । और बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं। इसकी पुरी जनकारी इसी पोस्ट में दिया गया है । पोस्ट को अंतिम तक जरूर पढ़ें……….

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